KOO, जो एक समय था भारत में Twitter का प्रतिष्ठित विकल्प, अब बंद हो गया है। इसके पीछे कुछ खास कारण हैं। चलिए, इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं:
कू की स्थापना:
कू को 2020 में अप्रमेय राधाकृष्णन और मयंक बिदावतका ने बनाया था। यह एक स्वदेशी सामाजिक मीडिया प्लेटफॉर्म था, जो वैश्विक तकनीक महाशक्ति एक्स (पहले ट्विटर) का प्रतिस्पर्धी बनने की कोशिश कर रहा था।
विपक्षियों का समर्थन:
केंद्रीय व्यापार मंत्री पीयूष गोयल और पूर्व संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद जैसे प्रमुख नेताओं का समर्थन मिला था। इसे कई लोगों ने अपना लिया, और जनवरी 2021 में इसका उपयोग करने वाले लोगों की संख्या 4.5 मिलियन तक पहुंच गई थी।
विफल व्यवसायी:
लेकिन किसी को व्यवसायी हासिल करने में मुश्किल होती रही। इसकी आर्थिक स्थिति भी गंभीर थी। 2021-22 के लिए कू ने ₹197 करोड़ का नुक्सान किया, जबकी कार्यक्षेत्र से केवल ₹14 लाख की आई थी।
बिक्री की बात:
कू ने कुछ मीडिया घरों और इंटरनेट कंपनियों से अपने बेचने की बात की, लेकिन यह बात सफल नहीं मिली। इसका कारण यह है कि उनका उपयोगकर्ता-जनित कंटेंट और "सामाजिक मीडिया कंपनी की जंगल जैसी प्रकृति" से बचने की इच्छा नहीं थी।
बंद होने का फैसला:
कू के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका ने लिंक्डइन पर लिखा कि वह ऐप चलाने के लिए ऐसी सेवाओं की कीमत बहुत अधिक होती है, और इसलिए उन्होंने इस निर्णय पर ध्यान नहीं दिया। इस प्रकार, Koo, जो एक समय ट्विटर को टक्कर देने वाला था, अब बंद हो गया है। इसके पीछे आर्थिक समस्याएं और व्यवसायिकता की कठिनाइयां थीं।
अगर आप इस विषय पर और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो मुझे बताइए। मैं आपकी सहायता करने में तत्काल हूँ! 😊
एक टिप्पणी भेजें
0टिप्पणियाँ